Tuesday, September 27, 2011

डूबता हुआ ये सूरज , समुन्दर का ये किनारा ,
चाहता है दिल,बार बार देखे हम ये नज़ारा ,,

आसमान में उडती ये चिड़ियाँ,टूट ता हुआ वो तारा,
चाहता है दिल, काश की हो जाए ये सब हमारा,,

लहरों पर चलती वो कश्तियाँ ,समुन्दर में तैरती वो मछलियाँ,
चाहता है दिल,कैद हो जाये इस पल में हम सदियाँ,,

बनता यहाँ भी एक बाग़ ,और उसमे उडती रहती तितलियाँ,
चाहता है दिल,देख कर उन्हें हम भूले अपनी सारी गलतियाँ,,

काश की होता ज़िन्दगी में हर ऱोज यही सवेरा,,
हो गया है हमें प्यार इस समह से,चाहता है दिल इस पल में कभी न हो अँधेरा,,,,,,,,,,,,

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