याद करो वो दिन जब हम पहले मिले,
अनजान थे हम अंजानो से हम मिले,,
पहले कुछ दिन एक दूसरे की नज़रे मिलती रही,
फिर देख कर सबको चेहरे पर मुस्कुराहट आने लगी,
धीरे धीरे मुस्कुराहट बातों में बदलती रही,,
बातों ही बातों में हम एक दूसरे को समझने लगे ,
धीरे धीरे दोस्ती की और कदम बढाने लगे,,
हर कदम पर दोस्त सहारा देने लगे,
गम को भी वो खुशियों में बदलने लगे,,
दोस्ती की आदत करवाकर वो हमसे बिछड़ जायेंगे,
हस्ते हुए इन आँखों में आंसू छोड़ जायेंगे,,
कभी न होगी उनकी कमी पूरी,
ऐसी जगह वो दिल में बना जायेंगे ऐसी जगह वो दिल में बना जायेंगे ,,
Monday, March 29, 2010
Tuesday, March 23, 2010
Friday, March 19, 2010
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