Monday, March 29, 2010

याद करो वो दिन जब हम पहले मिले,

अनजान थे हम अंजानो से हम मिले,,

पहले कुछ दिन एक दूसरे की नज़रे मिलती रही,

फिर देख कर सबको चेहरे पर मुस्कुराहट आने लगी,

धीरे धीरे मुस्कुराहट बातों में बदलती रही,,

बातों ही बातों में हम एक दूसरे को समझने लगे ,

धीरे धीरे दोस्ती की और कदम बढाने लगे,,

हर कदम पर दोस्त सहारा देने लगे,

गम को भी वो खुशियों में बदलने लगे,,

दोस्ती की आदत करवाकर वो हमसे बिछड़ जायेंगे,

हस्ते हुए इन आँखों में आंसू छोड़ जायेंगे,,

कभी न होगी उनकी कमी पूरी,

ऐसी जगह वो दिल में बना जायेंगे ऐसी जगह वो दिल में बना जायेंगे ,,
आज भी उन्हें हमसे प्यार है,

थोडा नहीं बेशुमार है,,

आज भी वो हमसे इज़हार करने के लिए बेकरार है,

पर क्या करे रस्ते में बैठे उनके बेटे चार है,,
कांटो के राहो पर हम चल रहे थे,

देने सहारा तुम मिले थे,,

अब कांटो के राहे लग रहे है फूलों से भरे,

जैसे चल रहे है हम बाग़ में खुशियों से भरे,,
कभी न जाना हमारी मुस्कुराहट पर,

वो तो सिर्फ दिखावा करती है,,

कभी नज़र से नज़र मिलाकर तो देखो,

दिल में जो दर्द है उसे तो आँखें बयान करती है,,
नजाने ये कैसी सज़ा है

बिना वजह वो हमसे खफा है,,

सब कहते है की वो बेवफा है,

पर दिल कहता है की ये इम्तेहान मेरी वफ़ा का है,,
कभी न छूटेगा साथ हमारा,

चाहे मै रहू या न रहू तुम्हारा,,

ये वादा रहा आपसे हमारा,

हर जनम में रहेगा दोस्ती का रिश्ता हमारा,,

Tuesday, March 23, 2010

ज़िन्दगी उनके बिना कुछ भी नहीं है,

जीने की तमन्ना अब हम में भी नहीं है,,

मर जाए उनकी बाहों में,

अब इसके सिवा और कोई ख्वाइश इस दिल में भी नहीं है,,

हर किसी का दिल यहाँ बेकरार है,

हर किसी को किसी से प्यार है,,

खुदा करे मोहब्बत के ये सिलसिले युही चलते रहे,

क्यूँ की प्यार से ही तो हर किसी के ज़िन्दगी में बहार है,,

रोज हम अपने हाथ देखा करते है,

वो लकीर जो हमे दोस्तों से मिलायी उसे नापा करते है,,

कभी भिछड़ न जाए हम एक दूसरे से,

इसीलए उसे ऱोज चीर कर बढाया करते है,,

दोस्ती का हाथ बढाकर कभी हमे छोड़ न जाना,

इस भीड़ भरी दुनिया में अकेला कर न जाना,,

आप जैसे दोस्तों से ही है हमारी ज़िन्दगी,

जुदा होकर हमसे हमारी ज़िन्दगी न ले जाना,,

जब तक न देखे उन्हें इस दिल को सुकून आता नहीं,

उन्हें चाहने का जूनून कम होता नहीं ,,

पता है उन्हें पाना आसान नहीं,

पर क्या करे दिल है की मानता नहीं,,

Friday, March 19, 2010

दोस्ती किसी की गुलाम नहीं,

दोस्ती का कोई दूसरा नाम नहीं,,

दोस्ती किसी का कर्म नहीं,

दोस्ती का कोई धर्म नहीं,,

दोस्तों से है जीना दोस्तों पर है मरना,

दोस्ती की इस दुनिया में दोस्ती का कोई अंत नहीं,,
आँखों में तेरी एक नशा है,

हर अदा तेरी सबसे जुदा है,,

ना चाहकर भी ये दिल तुम पर फ़िदा है,

शायद तू ही मेरे लिए खुदा का एक तोफा है,,
ज़िन्दगी हो रही है कम दिन-ब-दिन,

रहना होगा आपको अब हमारे बिन,,

जायेंगे हम दुनिया छोड़ जिस दिन,

सब कहते रहेंगे काश की तू होता और दो चार दिन,,
कौन कहता है की प्यार नहीं होता,

दिलो के बीच दीदार नहीं होता,,

एक बार हो जाने दो प्यार ,

फिर ज़िन्दगी के नज़ारे होंगे हसीं जन्नत से ज्यादा,,

Wednesday, March 10, 2010

हर पल उनकी याद सताती है ,

आएगा उनका समस मोबाइल भी ये आस दिखाती है ,,

यु तो लिए बैठे है हम किताब पढने क लिए ,

पर इस में भी तस्वीर उनकी ही नज़र आती है,,