Ehsaas
Friday, April 16, 2010
कैसे कहे कुछ ख़ास हो आप हमारे लिए,
कैसे कहे ये ज़िन्दगी है आप के लिए,,
अगर हमारी ज़िन्दगी पर कोई किताब बनजाती तो
हर पन्ने पर सब को सिर्फ आप ही की तस्वीर नज़र आती,,
हर सांस में हमारी नजाने किसके प्यार की महक आरही है,
वो है यही कही दिल में ये एहसास जगा रही है,,
देखने पर तो वो कही नज़र नहीं आरही है,
पर हर पल
साया
बनकर साथ निभा रही है,,
कोई गम नहीं जो तू साथ नहीं,
रहे हर पल साथ तुम्हारी याद ही सही,,
भर देंगे तुम्हारा दामन खुशियों से,
चाहे उसकी कीमत हमारी जान ही सही,,
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