Tuesday, September 27, 2011

डूबता हुआ ये सूरज , समुन्दर का ये किनारा ,
चाहता है दिल,बार बार देखे हम ये नज़ारा ,,

आसमान में उडती ये चिड़ियाँ,टूट ता हुआ वो तारा,
चाहता है दिल, काश की हो जाए ये सब हमारा,,

लहरों पर चलती वो कश्तियाँ ,समुन्दर में तैरती वो मछलियाँ,
चाहता है दिल,कैद हो जाये इस पल में हम सदियाँ,,

बनता यहाँ भी एक बाग़ ,और उसमे उडती रहती तितलियाँ,
चाहता है दिल,देख कर उन्हें हम भूले अपनी सारी गलतियाँ,,

काश की होता ज़िन्दगी में हर ऱोज यही सवेरा,,
हो गया है हमें प्यार इस समह से,चाहता है दिल इस पल में कभी न हो अँधेरा,,,,,,,,,,,,

Wednesday, August 17, 2011

आसान नहीं होता भुलाना वो चेहरा , दिल को जो दे जाता है घाव गहरा ,,,,,
खुल कर ये दिल जी नहीं पा रहा , हर पल साथ जो है उनकी यादों का पहरा,,,,,,,,,,

प्यार उनका था हमारे लिए खुशियों का बसेरा,,,,,
तोड़ कर दिल उन्होंने है हमारा हर सपना बिखेरा,,,,,,,,,

हर पल पूछते है खुदा से क्या आएगा ज़िन्दगी में हमारी फिर से वही सवेरा,,,,,
क्या आएगा फिर से वही वक़्त जिसमे था हमारा हर पल सुन्हेरा,,,,,,,,,,,,,